एक साधारण से असाधारण तक: रामनाथ कोविंद की आत्मकथा
प्रारंभ: जन्म और बचपन
1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में मेरा जन्म हुआ। मेरे पिता, मैकसिया, एक किसान थे और मां, कलावती, एक गृहिणी थीं। हम सात भाई-बहन थे, जिनमें से चार का निधन हो चुका है। हमारा परिवार एक साधारण दलित परिवार था, और हमें बचपन से ही कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
बचपन में, मैं अपने पिता के साथ खेतों में काम करता और मां की मदद करता। हमारे गांव में एक परचून की दुकान भी थी, जिसे मैं और मेरे भाई-बहन मिलकर चलाते थे। यह जीवन कठिन था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा शिक्षा का महत्व समझाया और मुझे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
शिक्षा और प्रारंभिक संघर्ष
मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक स्थानीय स्कूल में हुई। स्कूल के बाद, मैंने कानपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान मुझे कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई बार मुझे अपने खर्चों को पूरा करने के लिए छोटे-मोटे काम करने पड़े। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी।
1971 में, मैंने दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। यह मेरे जीवन का एक नया अध्याय था। दिल्ली में शुरुआती दिनों में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन मैंने अपनी मेहनत और लगन से धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई। 1977 से 1979 तक, मैंने केंद्र सरकार के वकील के रूप में काम किया और 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल में रहा।
राजनीति में प्रवेश: एक नई दिशा
1991 में, मैंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का फैसला किया। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 1994 में, मुझे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुना गया। राज्यसभा में अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए जोरदार आवाज उठाई।
राज्यसभा में रहते हुए, मैंने कई महत्वपूर्ण समितियों में काम किया। मैंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति, गृह मामलों की समिति, और कानून और न्याय समिति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मेरी मेहनत और समर्पण ने मुझे पार्टी में एक मजबूत और विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित किया।
बिहार के राज्यपाल: एक नई जिम्मेदारी
16 अगस्त 2015 को, मुझे बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी। बिहार के राज्यपाल के रूप में, मैंने राज्य के विकास और प्रशासन में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। मैंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया।
मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा किया और लोगों की समस्याओं को समझा। मैंने राज्य सरकार के साथ मिलकर कई विकास योजनाओं को लागू किया। मेरी कोशिश थी कि बिहार के हर नागरिक को बेहतर जीवन स्तर मिले।
राष्ट्रपति पद का चुनाव: एक ऐतिहासिक जीत
2017 में, मुझे भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। यह मेरे लिए एक गर्व का क्षण था। 20 जुलाई 2017 को, मैंने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता और 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतना मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे थे, लेकिन इस पद पर पहुंचना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था। मैंने हमेशा अपने देश और समाज की सेवा करने का सपना देखा था, और अब मुझे यह मौका मिला था।
राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल
राष्ट्रपति के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मैंने संसद के संयुक्त सत्र को पांच बार संबोधित किया और देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। मैंने तीन मुख्य न्यायाधीशों और 29 अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को शपथ दिलाई।
मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने देश के विकास और सामाजिक न्याय के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। मैंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया। मेरी कोशिश थी कि हर नागरिक को समान अवसर मिले और देश का हर कोना विकास की राह पर आगे बढ़े।
अंतरराष्ट्रीय सम्मान और दौरे
राष्ट्रपति के रूप में, मुझे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले। मुझे मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, इस्वातिनी, क्रोएशिया, बोलीविया, और गिनी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। इन सम्मानों ने न केवल मुझे गर्व महसूस कराया, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया।
मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने कई देशों का दौरा किया और वहां के नेताओं से मुलाकात की। इन दौरों ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया और देश की छवि को और बेहतर बनाया।
व्यक्तिगत जीवन
30 मई 1974 को मेरी शादी सविता कोविंद से हुई। हमारे दो बच्चे हैं - बेटा प्रशांत कुमार और बेटी स्वाति। मेरी पत्नी सविता ने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरे हर फैसले में मेरा समर्थन किया। मेरे बच्चे भी मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।
मेरे व्यक्तिगत जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मैंने हमेशा अपने परिवार का साथ पाया। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सिखाया कि मेहनत और ईमानदारी से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है। मैंने उनके इस सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाया और हर चुनौती का सामना किया।
राष्ट्रपति पद के बाद
25 जुलाई 2022 को मेरा राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त हुआ और द्रौपदी मुर्मू ने मेरा स्थान लिया। राष्ट्रपति पद से निवृत्त होने के बाद भी, मैं समाज सेवा में सक्रिय रहा। सितंबर 2023 में, मुझे "वन नेशन, वन इलेक्शन" पैनल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पैनल का मुख्य उद्देश्य देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन सुझाना है।
भविष्य की योजनाएं और संदेश
आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मैंने एक लंबा सफर तय किया है। एक छोटे से गांव के साधारण लड़के से लेकर भारत के राष्ट्रपति बनने तक, यह यात्रा कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की।
मैं युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि अपने सपनों पर विश्वास रखें और उन्हें साकार करने के लिए पूरी मेहनत करें। कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है, अगर आप उसके लिए पूरी लगन से काम करें। समाज सेवा और देश के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहें।
अंत में, मैं कहना चाहूंगा कि सफलता का मतलब सिर्फ ऊंचे पदों पर पहुंचना नहीं है। असली सफलता है लोगों के दिलों में जगह बनाना और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना। मैं आशा करता हूं कि मेरे जीवन के अनुभव युवा पीढ़ी को प्रेरित करेंगे और वे भी समाज सेवा के लिए आगे आएंगे।
मेरा सफर जारी है, और मैं अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत हूं। मुझे विश्वास है कि एक दिन हम एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और समानता मिलेगी।
Citations:
[1] https://en.wikipedia.org/wiki/Ram_Nath_Kovind
[2] https://bh.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5_%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6
[3] https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5_%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8
[4] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5_%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6
[5] https://www.jagran.com/bihar/patna-city-unique-things-about-president-ramnath-kovind-looked-after-grocery-shop-in-childhood-refused-job-of-upsc-civil-services-jagran-special-22132069.html
[6] https://www.bbc.com/hindi/india-40325878
[7] https://www.amarujala.com/photo-gallery/education/president-ramnath-kovind-birthday-know-ramnath-kovind-education-career-birthplace
[8] https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/kanpur/news/president-ramnath-kovind-family-seven-brothers-and-sisters-president-ramnath-kovind-news-128641054.html