"परिवार 2050: एक नए युग की कहानी"
सूरज की पहली किरण ने जैसे ही अपार्टमेंट की खिड़की को छुआ, अमन की आँखें खुल गईं। उसने अपने स्मार्टवॉच पर नज़र डाली - सुबह के 6 बजे थे। वह धीरे से उठा, ताकि उसकी पत्नी रिया की नींद न खराब हो। रिया अभी भी गहरी नींद में थी, उसकी नाइट शिफ्ट के कारण।
अमन ने अपने वर्चुअल असिस्टेंट को आवाज दी, "गुड मॉर्निंग एआई। आज का शेड्यूल बताओ।"
एआई ने जवाब दिया, "गुड मॉर्निंग अमन। आज आपकी माँ का जन्मदिन है। आपके पिता ने वर्चुअल फैमिली मीट का आयोजन किया है, शाम 7 बजे। आपकी बहन टोक्यो से जुड़ेंगी और आपका भाई मार्स कॉलोनी से।"
अमन मुस्कुराया। तकनीक ने उन्हें कितना करीब ला दिया था। वह सोचने लगा कि कैसे उसके दादा-दादी के समय में संयुक्त परिवार एक ही छत के नीचे रहते थे। आज, उनका परिवार पूरी दुनिया में फैला हुआ था, फिर भी एक दूसरे से जुड़ा हुआ।
अचानक, उसके बेटे आदि की आवाज आई, "पापा, मेरी रोबोट टीचर ठीक नहीं हो रही!"
अमन ने एक गहरी साँस ली। तकनीक ने जीवन को आसान बनाया था, लेकिन नई चुनौतियाँ भी लाई थी। वह सोचने लगा कि कैसे उसके बचपन में मानव शिक्षक होते थे।
दिन भर की व्यस्तता के बाद, शाम को वर्चुअल फैमिली मीट का समय आ गया। अमन, रिया और आदि ने अपने 3D होलोग्राम सूट पहने और वर्चुअल लिविंग रूम में प्रवेश किया।
वहाँ उन्होंने अमन की माँ को देखा, जो अपने रिटायरमेंट होम से जुड़ी थीं। उनके चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन आँखों में एक अजीब सी उदासी भी। अमन की बहन ने टोक्यो से जुड़कर सबको नमस्ते किया, उसके साथ उसकी पार्टनर भी थी। अमन के भाई ने मार्स कॉलोनी से वीडियो कॉल किया, उसके पीछे लाल ग्रह का दृश्य दिखाई दे रहा था।
जैसे-जैसे वे बातें करने लगे, अमन को एहसास हुआ कि परिवार की परिभाषा कितनी बदल गई थी। भौगोलिक सीमाएँ मिट गई थीं, रिश्तों की परिभाषाएँ बदल गई थीं, लेकिन प्यार और अपनेपन का भाव वही था।
अचानक, एक नोटिफिकेशन आई - अमन के पिता का AI अवतार ऑनलाइन हुआ। हालाँकि वे दो साल पहले इस दुनिया को छोड़ गए थे, लेकिन उनकी डिजिटल कॉपी अभी भी परिवार के साथ थी।
जैसे-जैसे शाम ढलती गई, अमन सोचने लगा कि 2050 का यह परिवार कितना अलग था उसके बचपन के परिवार से। तकनीक ने उन्हें जोड़ा था, लेकिन क्या कुछ खो भी गया था?
रात को सोते समय, अमन ने रिया से पूछा, "क्या तुम्हें लगता है कि हमारा बेटा आदि कभी वैसा परिवार जानेगा जैसा हमने देखा था?"
रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, "शायद नहीं। लेकिन वह एक नया परिवार जानेगा, जो शायद हमसे भी ज्यादा विशाल और विविध होगा।"
जैसे-जैसे वे सोने लगे, अमन सोचने लगा कि परिवार की परिभाषा शायद बदल गई थी, लेकिन उसका महत्व वही था। और शायद, यही परिवार की असली ताकत थी - बदलाव के साथ ढलना, लेकिन अपने मूल्यों को नहीं खोना।
कहानी यहीं खत्म होती है, लेकिन परिवार की यात्रा जारी है। कौन जानता है, 2100 में परिवार कैसा होगा? क्या आप कल्पना कर सकते हैं?
Citations:
[1] https://iflg.uk.com/blog/modern-families-future-trends
[2] https://www.weforum.org/agenda/2016/05/what-will-the-family-of-the-future-look-like/
[3] https://www.studysmarter.co.uk/explanations/social-studies/sociology-of-family/changes-in-family-structures/
[4] https://dspmuranchi.ac.in/pdf/Blog/Change%20in%20structure%20of%20family.pdf
[5] https://cdn.visionias.in/value_added_material/6d087-changing-dynamics-of-family-structure-in-india.pdf
[6] https://www.pewresearch.org/social-trends/2023/09/14/the-future-of-the-family/
[7] https://www.bhaskar.com/magazine/aha-zindagi/news/the-family-can-stay-connected-with-the-good-use-of-technology-technology-is-a-big-help-in-maintaining-relationships-131334190.html
[8] https://www.bbc.com/hindi/india-51060389