भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का इतिहास: एक रोचक यात्रा
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कहानी 1885 में शुरू होती है और आज तक जारी है। आइए इस यात्रा को क्रमिक रूप से देखें और समझें कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने भारतीय राजनीति को आकार दिया।
प्रारंभिक वर्ष (1885-1905)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई थी। इस पहले सत्र में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, जिनमें दादाभाई नौरोजी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, बदरुद्दीन तैयबजी, फिरोजशाह मेहता और डब्ल्यू.सी. बनर्जी जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश सिविल सेवक, इस संगठन के संस्थापक थे[2][4][8]।
कांग्रेस का प्रारंभिक उद्देश्य ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों के लिए अधिक राजनीतिक भागीदारी की मांग करना था। पहले दो दशकों में, कांग्रेस ने संवैधानिक सुधारों और भारतीयों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की मांग की। इस अवधि को "मॉडरेट" या "संविधानवादी" युग कहा जाता है, जिसमें पार्टी ने संवैधानिक तरीकों से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया[11]।
स्वदेशी और स्वराज (1905-1915)
1905 में बंगाल के विभाजन के बाद, कांग्रेस ने स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार और भारतीय वस्त्रों का उपयोग शामिल था। इस आंदोलन ने कांग्रेस को एक जन आंदोलन में बदल दिया। इस समय तक, पार्टी में दो धड़े बन चुके थे: मॉडरेट्स और एक्सट्रीमिस्ट्स। बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेता एक्सट्रीमिस्ट धड़े के प्रमुख थे[4][12]।
1907 के सूरत सत्र में कांग्रेस का विभाजन हो गया। हालांकि, 1916 के लखनऊ समझौते ने दोनों धड़ों को फिर से एकजुट कर दिया और मुस्लिम लीग के साथ एक समझौता किया गया, जिसे लखनऊ पैक्ट कहा जाता है[16]।
गांधी युग (1915-1947)
1915 में महात्मा गांधी के भारत लौटने के बाद, कांग्रेस ने अहिंसात्मक असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों को अपनाया। 1920 के असहयोग आंदोलन और 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जन समर्थन जुटाया। 1930 में गांधी जी के नेतृत्व में दांडी मार्च ने नमक कानून का उल्लंघन किया और यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ[1][17][18]।
1942 में कांग्रेस ने "भारत छोड़ो आंदोलन" की शुरुआत की, जिसमें ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई। इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और तेज कर दिया और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली[19]।
स्वतंत्रता के बाद का युग (1947-1964)
स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस ने भारत की पहली सरकार बनाई और जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने समाजवादी नीतियों को अपनाया और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश के औद्योगिकीकरण और विकास की दिशा में काम किया। 1951-52, 1957 और 1962 के आम चुनावों में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की[1][6]।
इंदिरा गांधी और विभाजन (1964-1984)
नेहरू की मृत्यु के बाद, लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने, लेकिन 1966 में उनकी मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं। 1969 में कांग्रेस का एक और विभाजन हुआ और इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आर) का गठन किया। 1971 के चुनावों में इंदिरा गांधी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई[1][7]।
1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जो 1977 तक चला। इस अवधि में नागरिक अधिकारों का हनन हुआ और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। 1977 के चुनावों में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा और जनता पार्टी सत्ता में आई। 1980 में इंदिरा गांधी ने फिर से सत्ता में वापसी की[1][7]।
राजीव गांधी और उदारीकरण (1984-1991)
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, उनके पुत्र राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी ने तकनीकी और आर्थिक सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए। 1991 में उनकी हत्या के बाद, पी.वी. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने और उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को अपनाया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आए[1][9]।
समकालीन युग (1991-वर्तमान)
1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 2004 के आम चुनावों में कांग्रेस ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के तहत सरकार बनाई। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने और उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की। 2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने अपनी भूमिका को विपक्ष में मजबूती से निभाया[1][9]।
निष्कर्ष
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसने भारतीय समाज को एकजुट करने, स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व देने और स्वतंत्र भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कांग्रेस की यात्रा संघर्ष, विभाजन, पुनर्मिलन और विकास की एक कहानी है, जो आज भी जारी है।
Citations:
[1] https://www.britannica.com/topic/Indian-National-Congress
[2] https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_the_Indian_National_Congress
[3] https://www.inc.in/brief-history-of-congress
[4] https://byjus.com/free-ias-prep/this-day-in-history-dec28/
[5] https://byjus.com/free-ias-prep/indian-national-congress-sessions/
[6] https://www.inc.in/brief-history-of-congress/1945-1955
[7] https://indianexpress.com/article/explained/explained-politics/congress-foundation-day-brief-history-inc-9086083/
[8] https://testbook.com/ias-preparation/formation-of-indian-national-congress
[9] https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_National_Congress
[10] https://vajiramandravi.com/quest-upsc-notes/foundation-of-indian-national-congress/
[11] https://byjus.com/free-ias-prep/important-points-establishment-of-indian-national-congress/
[12] https://learncomrades.com/indian-national-congress-formation-and-early-years/
[13] https://www.drishtiias.com/sambhav-daily-answer-writing-practice/papers/sambhav-2024/the-evolution-of-the-indian-national-congress-from-its-formation-in-1885/print
[14] https://www.drishtiias.com/pdf/1597577606-important-indian-national-congress-sessions.pdf
[15] https://www.inc.in/our-achievements
[16] https://www.drishtiias.com/to-the-points/paper1/important-indian-national-congress-sessions
[17] https://www.britannica.com/question/What-role-did-the-Indian-National-Congress-play-in-the-Indian-independence-movement
[18] https://www.ksgindia.com/blog/the-indian-national-congress-and-indias-freedom-struggle.html
[19] https://www.tutorchase.com/answers/ib/history/what-was-the-role-of-the-indian-national-congress-in-independence
[20] https://www.jetir.org/papers/JETIR2301611.pdf