स्वर्ण अनुपात (𝜙) का इतिहास अत्यंत प्राचीन और विविधतापूर्ण है, जिसका विकास मानव सभ्यता के साथ-साथ होता रहा है। इस गहन शोध पर आधारित विवरण में स्वर्ण अनुपात के विकास के विभिन्न चरणों को क्रमिक रूप से समेटा गया है।
प्राचीन काल
प्रारंभिक उल्लेख
स्वर्ण अनुपात के सबसे पुराने उल्लेख प्राचीन मिस्र और यूनान से मिलते हैं। लगभग 2560 ईसा पूर्व निर्मित गिजा की महान पिरामिड में, इसके आधार और ऊंचाई के अनुपात में स्वर्ण अनुपात का प्रयोग किया गया था[3][6][13]। लगभग 300 ईसा पूर्व में, यूनानी गणितज्ञ यूक्लिड ने अपने ग्रंथ 'एलिमेंट्स' में स्वर्ण अनुपात को "अति और मध्य अनुपात" के रूप में परिभाषित किया[16]।
प्लेटो और पाइथागोरियन का योगदान
लगभग 400 ईसा पूर्व में, प्लेटो और उनके अनुयायियों ने स्वर्ण अनुपात का अध्ययन किया, क्योंकि यह पांच प्लेटोनिक ठोसों के निर्माण में उपयोगी था[8][13]। पाइथागोरियन गणितज्ञों ने भी स्वर्ण अनुपात का अध्ययन किया और इसे अपरिमेय संख्या के रूप में पहचाना[5]।
मध्य युग
मध्य युग के दौरान, स्वर्ण अनुपात पर बहुत अधिक काम नहीं हुआ। हालांकि, लगभग 1200 ईस्वी में, इटली के लियोनार्दो फिबोनाची ने फिबोनाची अनुक्रम का आविष्कार किया, जिसका स्वर्ण अनुपात से घनिष्ठ संबंध है[2][8]।
आधुनिक काल
यूरोपीय गणितज्ञों का योगदान
15वीं शताब्दी से, यूरोपीय गणितज्ञ भी स्वर्ण अनुपात के अध्ययन में योगदान देने लगे। 1509 में, लूका पाचिओली ने अपनी पुस्तक 'डिविना प्रोपोर्जियोने' में स्वर्ण अनुपात को "दिव्य अनुपात" कहा[4][7][8]। 1835 में, जर्मन गणितज्ञ मार्टिन ओम ने इसे "गोल्डेन सेक्शन" नाम दिया[12]।
अनंत श्रेणियों का उपयोग
17वीं शताब्दी में, स्वर्ण अनुपात की गणना के लिए अनंत श्रेणियों का उपयोग किया गया। 1655 में, जॉन वालिस ने स्वर्ण अनुपात के लिए एक अनंत गुणनफल श्रेणी विकसित की। 1671 में, जेम्स ग्रेगरी ने स्वर्ण अनुपात के लिए एक अन्य अनंत श्रेणी विकसित की[4]।
स्वर्ण अनुपात की प्रकृति पर शोध
1761 में, जोहान लैम्बर्ट ने सिद्ध किया कि स्वर्ण अनुपात एक अपरिमेय संख्या है[4]। 1882 में, फर्डिनैंड लिंडेमैन ने सिद्ध किया कि स्वर्ण अनुपात एक ट्रांसेंडेंटल संख्या भी है[4]।
20वीं शताब्दी के विकास
20वीं शताब्दी में, कंप्यूटरों के विकास ने स्वर्ण अनुपात की गणना को और आगे बढ़ाया। 1949 में, ENIAC कंप्यूटर ने स्वर्ण अनुपात के 2,037 दशमलव स्थान निकाले। 1961 में, IBM 7090 ने स्वर्ण अनुपात के 100,000 दशमलव स्थान निकाले[2]।
रामानुजन का योगदान
भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने स्वर्ण अनुपात की गणना के लिए एक अत्यंत कुशल सूत्र विकसित किया, जिसे बाद में कंप्यूटर एल्गोरिदम में शामिल किया गया[6]। 1985 में, विलियम गॉस्पर ने रामानुजन के सूत्र का उपयोग करके स्वर्ण अनुपात के 17 मिलियन दशमलव स्थान निकाले[6]।
आधुनिक समय
आज के समय में, स्वर्ण अनुपात की गणना लगातार जारी है। 2022 तक, स्वर्ण अनुपात के 100 ट्रिलियन से अधिक दशमलव स्थान निकाल लिए गए हैं[4]। हालांकि, स्वर्ण अनुपात के अंकों में कोई पैटर्न नहीं मिला है, लेकिन इसकी गणना कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई है[10][11]।
इस प्रकार, स्वर्ण अनुपात का इतिहास मानव सभ्यता के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह न केवल गणितीय प्रगति का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों का भी द्योतक है। आज भी, स्वर्ण अनुपात गणित, विज्ञान और कला के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण अवधारणा बनी हुई है।
Citations:
[1] https://www.inspiredoriginal.org/post/the-golden-ratio-a-sacred-number-that-links-the-past-to-the-present
[2] https://jwilson.coe.uga.edu/emt668/EMAT6680.2000/Obara/Emat6690/Golden%20Ratio/golden.html
[3] https://sampratishta.org/what-is-golden-ratio-in-art/
[4] https://www.thecollector.com/what-is-the-golden-ratio-and-how-does-it-apply-to-art/
[5] https://www.vedantu.com/maths/golden-ratio
[6] https://theedge.com.hk/blog/golden-ratio-math-or-art/
[7] https://www.adobe.com/creativecloud/design/discover/golden-ratio.html
[8] https://www.projectrhea.org/rhea/index.php/Golden_Ratio:_History
[9] https://cklixx.people.wm.edu/teaching/math400/GoldenRatio-paper.pdf
[10] https://fastercapital.com/topics/the-history-of-the-golden-ratio.html
[11] https://www.investopedia.com/articles/technical/04/033104.asp
[12] https://en.wikipedia.org/wiki/Golden_ratio
[13] https://goldenratioandphi.weebly.com/the-golden-ratio-in-history.html
[14] https://letstalkscience.ca/educational-resources/backgrounders/fibonacci-and-golden-ratio
[15] https://www.goldennumber.net/golden-ratio-history/
[16] https://www.britannica.com/science/golden-ratio
[17] https://blog.artsper.com/en/a-closer-look/golden-ratio-in-art/
[18] https://www.livescience.com/37704-phi-golden-ratio.html