1614-1618: जॉन नेपियर द्वारा लघुगणकों की खोज
स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर ने लघुगणकों (logarithms) की खोज की और 1614 में अपनी पुस्तक "मिरिफिसी लोगारिथमोरम कैनोनिस डिस्क्रिप्शियो" प्रकाशित की। इस पुस्तक के एक परिशिष्ट में लघुगणकों की एक तालिका थी, जिसमें e के लघुगणक शामिल थे, लेकिन e को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया था।
1683: जेकब बर्नोउली द्वारा e की खोज
स्विस गणितज्ञ जेकब बर्नोउली ने चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) के सिद्धांत पर काम करते हुए e की खोज की। उन्होंने यह देखा कि जब ब्याज की गणना की आवृत्ति बढ़ती है, तो धन का मूल्य एक निश्चित सीमा की ओर जाता है, जिसे बाद में e के रूप में जाना गया। [1][2]
1690-1691: गॉटफ्रेड लैबनिज द्वारा e को 'b' नाम देना
जर्मन गणितज्ञ गॉटफ्रेड लैबनिज ने क्रिस्टियन हुयगेन्स के साथ पत्राचार में e को 'b' नाम दिया, लेकिन इसकी प्रकृति को पूरी तरह से नहीं समझा गया था। [3]
1727-1731: लियोनार्ड ऐलर द्वारा e के लिए 'e' प्रतीक का उपयोग
स्विस गणितज्ञ लियोनार्ड ऐलर ने अपने एक अप्रकाशित शोध-पत्र और क्रिस्टियन गोलडबैक के साथ पत्राचार में e के लिए 'e' प्रतीक का उपयोग किया। यह पहली बार था जब इस नियतांक के लिए 'e' प्रतीक का उपयोग किया गया था। [4][5]
1748: लियोनार्ड ऐलर द्वारा e की गहन व्याख्या
ऐलर ने अपनी पुस्तक "इंट्रोडक्शन इन एनालिसिस इनफिनिटोरम" में e की गहन व्याख्या की। उन्होंने दिखाया कि e एक अपरिमेय संख्या है और इसे अनंत श्रृंखला के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। उन्होंने e के विभिन्न गुणों और अनुप्रयोगों का भी वर्णन किया। [6][7]
1790: लोरेंजो मास्करोनी द्वारा e के लिए 'A' और 'a' प्रतीकों का उपयोग
इतालवी गणितज्ञ लोरेंजो मास्करोनी ने e के लिए 'A' और 'a' प्रतीकों का उपयोग किया, लेकिन 'e' प्रतीक अधिक लोकप्रिय हो गया। [8]
1854 और उसके बाद: e के अंकों की गणना
विलियम शैंक्स ने 1854 में e के 205 दशमलव स्थान तक मान निकाला। बाद में, अन्य गणितज्ञों ने e के और अधिक दशमलव स्थानों की गणना की। आज कंप्यूटरों की मदद से e के लाखों दशमलव स्थान निकाले जा सकते हैं। [9]
इस प्रकार, e का विकास एक लंबी और उतार-चढ़ाव भरी यात्रा रही है, जिसमें कई महान गणितज्ञों ने योगदान दिया। धीरे-धीरे, इस नियतांक की महत्ता को समझा गया और इसके विभिन्न गुण और अनुप्रयोग खोजे गए। आज e गणित और विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Citations:
[1] https://www.youtube.com/watch?v=0QmSuIWAhhk
[2] https://www.scirp.org/journal/paperinformation?paperid=120075
[3] https://www.scirp.org/pdf/jamp_2022092615033788.pdf
[4] https://www2.math.uconn.edu/~glaz/My_Articles/TheEnigmaticNumberE.Convergence10.pdf
[5] https://testbook.com/maths/value-of-e
[6] https://en.wikipedia.org/wiki/E_%28mathematical_constant%29
[7] https://www.vedantu.com/maths/value-of-e
[8] https://byjus.com/maths/value-of-e/
[9] https://en.wikipedia.org/wiki/Mathematical_constant
[10] https://mathresearch.utsa.edu/wiki/index.php?title=Euler%27s_Number
[11] https://www.investopedia.com/terms/e/eulers-constant.asp
[12] https://mathshistory.st-andrews.ac.uk/HistTopics/e/
[13] https://en.wikipedia.org/wiki/Euler%27s_constant
[14] https://www.britannica.com/science/e-mathematics
[15] https://fastercapital.com/content/Euler-s-number--Euler-s-E--The-Mathematical-Marvel-That-Defines-Our-World.html
[16] https://simple.wikipedia.org/wiki/E_%28mathematical_constant%29
[17] https://study.com/learn/lesson/value-eulers-number-calculation-examples-math.html
[18] https://www.learnzoe.com/blog/why-is-e-important-in-math/
[19] https://www.nature.com/articles/s41567-019-0655-9