i = √-1 एक परिकल्पित संख्या है जिसे आमतौर पर परिकल्पित इकाई के रूप में जाना जाता है। इसका इतिहास काफी प्राचीन है और यह गणित के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
परिकल्पित इकाई का उद्भव
- लगभग 1545 ई. में, इटली के गणितज्ञ जियरोलामो कार्दानो ने पहली बार √-1 का उल्लेख किया था। उन्होंने इसे "सोफिस्टिकेटेड संख्या" कहा था।[1]
- 1637 में, रेने डेस्कार्ट्स ने अपनी पुस्तक "ला जियोमेट्री" में √-1 को "परिकल्पित" शब्द से संबोधित किया।[2]
- 1777 में, स्विस गणितज्ञ लिओनार्ड ऐलर ने इसे i का प्रतीक दिया, जो लैटिन शब्द "इमेजिनरी" (परिकल्पित) का पहला अक्षर था।[3]
परिकल्पित संख्याओं का महत्व
- परिकल्पित संख्याओं ने ऋणात्मक संख्याओं के वर्गमूल की समस्या को हल किया और बीजगणितीय समीकरणों के समाधान को सरल बनाया।
- यह विद्युत चुम्बकीय तरंग सिद्धांत, क्वांटम भौतिकी और सापेक्षता सिद्धांत जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- परिकल्पित संख्याओं ने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशाएं खोलीं और नए सिद्धांतों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
इस प्रकार, i = √-1 गणित के इतिहास में एक महत्वपूर्ण खोज थी जिसने गणितीय विचारों और सिद्धांतों को एक नई दिशा प्रदान की। यह आज भी विभिन्न शाखाओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।[1][2][3]
Citations:
[1] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8
[2] https://www.youtube.com/watch?v=NfkeC1DAv7w
[3] https://www.youtube.com/watch?v=lY8vIfH--OM
[4] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8
[5] https://www.youtube.com/watch?v=GBbPODO5cHY