एक आम आदमी का असाधारण सफर: मनीष सिसोदिया की आत्मकथा
प्रारंभ: जन्म और बचपन
5 जनवरी 1972 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में मेरा जन्म हुआ। मेरे पिता धर्मपाल सिंह एक सरकारी कर्मचारी थे और मां एक गृहिणी थीं। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े, मुझे बचपन से ही शिक्षा का महत्व समझाया गया। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सिखाया कि ज्ञान और शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे हम अपने और समाज के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
बचपन से ही मुझे सामाजिक मुद्दों में रुचि थी। स्कूल में होने वाली बहस प्रतियोगिताओं में मैं हमेशा भाग लेता था। एक बार की बात है, जब मैं 10वीं कक्षा में था, हमारे स्कूल में भ्रष्टाचार पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। मैंने उसमें भाग लिया और पहला स्थान प्राप्त किया। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मेरी आवाज में समाज को बदलने की ताकत है।
युवावस्था: शिक्षा और पत्रकारिता
स्कूल के बाद मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। इस दौरान मेरी रुचि पत्रकारिता में जागी। मुझे लगा कि पत्रकारिता के माध्यम से मैं समाज की समस्याओं को उजागर कर सकता हूं और लोगों तक सही जानकारी पहुंचा सकता हूं।
स्नातक के बाद मैंने पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया। मैंने जी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया। पत्रकार के रूप में मैंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर रिपोर्टिंग की। एक बार मुझे एक ऐसे गांव में जाने का मौका मिला जहां लोगों को पीने के पानी की भारी किल्लत थी। मैंने वहां के लोगों की समस्याओं पर एक रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के प्रसारण के बाद सरकार ने उस गांव में पानी की व्यवस्था के लिए कदम उठाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मीडिया की ताकत का सही इस्तेमाल करके हम समाज में बदलाव ला सकते हैं।
सामाजिक कार्य की ओर
पत्रकारिता करते हुए मुझे महसूस हुआ कि सिर्फ समस्याओं को उजागर करना काफी नहीं है, उनके समाधान के लिए भी काम करना होगा। इसी सोच के साथ मैंने 'परिवर्तन' नाम का एक गैर सरकारी संगठन शुरू किया। इस संगठन के माध्यम से मैंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना शुरू किया।
एक दिन की बात है, मैं दिल्ली के एक स्लम इलाके में गया। वहां मुझे एक छोटी बच्ची मिली जो स्कूल नहीं जा पाती थी क्योंकि उसके माता-पिता उसकी फीस नहीं भर पाते थे। मैंने उस बच्ची की पढ़ाई का खर्च उठाने का फैसला किया। आज वही बच्ची एक डॉक्टर बन गई है। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि छोटे से प्रयास से भी किसी के जीवन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
2011 में मेरी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई। उस समय वे सूचना का अधिकार (RTI) अभियान चला रहे थे। मैं उनके विचारों से बहुत प्रभावित हुआ और उनके साथ जुड़ गया। जब अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया, तो मैं भी उसमें शामिल हो गया।
यह आंदोलन मेरे जीवन का टर्निंग पॉइंट था। मैंने देखा कि कैसे एक आम आदमी की आवाज पूरे देश को हिला सकती है। इस आंदोलन के दौरान मुझे जेल भी जाना पड़ा। जेल में बिताए वो दिन मेरे जीवन के सबसे यादगार दिनों में से एक हैं। वहां मैंने कई ऐसे लोगों से मुलाकात की जो छोटे-मोटे अपराधों के लिए सालों से जेल में बंद थे। उनकी कहानियों ने मुझे और भी दृढ़ संकल्प दिया कि मुझे देश की न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए काम करना है।
आम आदमी पार्टी की स्थापना
2012 में जब अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना की, तो मैं उसके संस्थापक सदस्यों में से एक था। पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' रखने का फैसला हमने बहुत सोच-समझकर लिया था। हमारा मानना था कि देश की राजनीति में आम आदमी की आवाज को मुखर करने की जरूरत है।
पार्टी की स्थापना के बाद हमने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2013 के चुनाव में मैंने पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यह मेरे लिए एक नई शुरुआत थी। विधायक बनने के बाद मैंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
दिल्ली सरकार में मंत्री और उपमुख्यमंत्री
2015 में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई, तो मुझे शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया। यह मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी। मैंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए कई कदम उठाए। हमने स्कूलों की इमारतों का नवीनीकरण किया, शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया और पाठ्यक्रम में सुधार किया।
एक दिन की बात है, मैं दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में गया। वहां मुझे एक छात्र मिला जो बहुत प्रतिभाशाली था लेकिन आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा नहीं ले पा रहा था। मैंने उस छात्र की मदद करने का फैसला किया और उसे छात्रवृत्ति दिलवाई। आज वह छात्र IIT में पढ़ रहा है। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि सरकार के स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास करके हम कई जिंदगियां बदल सकते हैं।
चुनौतियां और विवाद
मेरे राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियां और विवाद भी आए। 2022 में दिल्ली आबकारी नीति मामले में मेरा नाम आया। यह मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर था। 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया। मुझे तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
जेल में बिताए दिन मेरे जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण दिन थे। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने इस समय का उपयोग आत्मचिंतन और अध्ययन के लिए किया। मैंने जेल में रहते हुए कई किताबें पढ़ीं और अपने विचारों को लिखा।
भविष्य की योजनाएं और संदेश
आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मैंने एक लंबा सफर तय किया है। एक साधारण परिवार के लड़के से लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बनने तक, यह यात्रा कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है।
मेरा मानना है कि राजनीति समाज सेवा का एक माध्यम है। मैं आने वाले समय में भी लोगों की आवाज बनकर उनके हक के लिए लड़ता रहूंगा। मेरा सपना है कि एक दिन हमारा देश भ्रष्टाचार मुक्त हो और हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि वे राजनीति में आएं और देश को बदलने का साहस दिखाएं। हमारे देश को ईमानदार और समर्पित नेताओं की जरूरत है।
अंत में, मैं कहना चाहूंगा कि सफलता का मतलब सिर्फ बड़े पदों पर पहुंचना नहीं है। असली सफलता है लोगों के दिलों में जगह बनाना और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना। मैं आशा करता हूं कि मेरे जीवन के अनुभव युवा पीढ़ी को प्रेरित करेंगे और वे भी देश सेवा के लिए आगे आएंगे।
मेरा सफर जारी है, और मैं अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत हूं। मुझे विश्वास है कि एक दिन हम एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां हर नागरिक को सम्मान और समान अवसर मिलेगा।
Citations:
[1] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B7_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE
[2] https://hindi.oneindia.com/politicians/manish-sisodia-59465.html
[3] https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/i-love-you-manish-sisodia-campaign-children-love-or-poster-war-beetween-delhi-aap-bjp-and-congress-politics-2350466
[4] https://www.aajtak.in/india/delhi/story/supreme-court-hear-manish-sisodia-bail-petition-in-delhi-liquor-policy-case-on-tuesday-ntc-1957553-2024-06-03
[5] https://ndtv.in/india/delhi-court-rejects-the-bail-plea-of-manish-sisodia-5557007
[6] https://www.jagran.com/delhi/new-delhi-city-ncr-manish-sisodia-says-it-is-important-to-understand-data-for-better-planning-20781423.html