प्राचीन काल से ही मनुष्य को दूर तक तेजी से जानकारी पहुंचाने की जरूरत महसूस हो रही थी। वह चाहता था कि किसी मुसीबत के बारे में वह लोगों को जल्दी से सचेत कर सके। इसके लिए उसने कई तरीके अपनाए - कभी ढोल बजाकर, चिल्लाकर, तो कभी आग जलाकर। लेकिन ये तरीके सीमित थे।
पहाड़ी पर रहने वाले लोग चमकीली चीजों की मदद से जानकारी भेजते थे। लेकिन उसकी एक सीमा थी। बहुत ही बारीक जानकारियों को इस तरह से भेजना मुमकिन नहीं था। मिश्र के पिरामिड को बनाने के पीछे एक वजह यह भी मानी जाती है कि इसकी चोटी से आसपास के गांव तक संदेश भेजने का काम किया जाता था जब कोई दूर से दिखने वाला भयानक रेतीला तूफान नजर आता था। लेकिन इंसान हमेशा से इस कोशिश में रहा कि क्या कई किलोमीटर दूर तक भी संदेश भेजा जा सकता है वो भी आसानी के साथ।
यह सवाल कई वैज्ञानिकों के दिमाग में घूमने लगा। उन्होंने इस दिशा में प्रयोग शुरू किए। 19वीं सदी के अंत में जेम्स क्लर्क मैक्सवेल ने सिद्धांत दिया कि विद्युत चुंबकीय तरंगें हवा में यात्रा कर सकती हैं। यह एक बड़ी खोज थी। लेकिन क्या इसे व्यावहारिक रूप दिया जा सकता था?
इस चुनौती को स्वीकार किया इटली के युवा वैज्ञानिक गुग्लिएल्मो मार्कोनी ने। उन्होंने अपने पिता की अटारी में प्रयोग शुरू किए। कई असफलताओं के बाद आखिरकार 1895 में उन्हें सफलता मिली। उन्होंने बिना तार के संदेश भेजने में कामयाबी हासिल की। यह एक ऐतिहासिक क्षण था। रेडियो का जन्म हो चुका था।
मार्कोनी की इस सफलता ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। अब एक नई होड़ शुरू हो गई थी - कौन इस तकनीक को और बेहतर बनाएगा? अमेरिका में निकोला टेस्ला ने भी इस दिशा में काम शुरू किया। उन्होंने भी रेडियो संचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दोनों वैज्ञानिकों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई।
इस बीच मार्कोनी ने अपने प्रयोगों को आगे बढ़ाया। 1901 में उन्होंने अटलांटिक महासागर पार करके संदेश भेजने में सफलता हासिल की। यह एक बड़ी उपलब्धि थी। अब रेडियो की क्षमता का अंदाजा लगने लगा था। लेकिन अभी भी यह सिर्फ मोर्स कोड तक ही सीमित था। क्या इसके जरिए आवाज भी भेजी जा सकती थी?
इस चुनौती को स्वीकार किया कनाडा के वैज्ञानिक रेजिनाल्ड फेसेंडेन ने। उन्होंने इस दिशा में कड़ी मेहनत की। आखिरकार 24 दिसंबर 1906 को उन्होंने इतिहास रच दिया। उन्होंने पहली बार रेडियो पर मानव आवाज का प्रसारण किया। उन्होंने क्रिसमस कैरल गाया और बाइबिल से कुछ पंक्तियां पढ़ीं। यह पल रेडियो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया।
अब रेडियो की असली क्षमता सामने आने लगी थी। लेकिन अभी भी यह एक व्यावसायिक उपकरण नहीं बन पाया था। इसे आम लोगों तक पहुंचाने की चुनौती थी। इस चुनौती को स्वीकार किया अमेरिका के फ्रैंक कॉनराड ने। उन्होंने 1920 में पिट्सबर्ग में पहला वाणिज्यिक रेडियो स्टेशन KDKA शुरू किया। 2 नवंबर 1920 को इस स्टेशन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का लाइव प्रसारण किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था। रेडियो अब एक मनोरंजन और सूचना का माध्यम बन गया था।
इसके बाद रेडियो की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। अमेरिका में रेडियो स्टेशनों की संख्या में इजाफा हुआ। 1922 तक 500 से ज्यादा स्टेशन खुल चुके थे। लोग रेडियो सेट खरीदने लगे। रेडियो अब घरों में प्रवेश कर चुका था। लेकिन अभी भी इसकी गुणवत्ता में सुधार की जरूरत थी।
इस चुनौती को स्वीकार किया अमेरिकी इंजीनियर एडविन आर्मस्ट्रांग ने। उन्होंने 1933 में FM (फ्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन) रेडियो का आविष्कार किया। इससे रेडियो की आवाज में काफी सुधार हुआ। अब रेडियो पर संगीत भी अच्छी गुणवत्ता में सुना जा सकता था।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेडियो ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह युद्ध के समाचार और सरकारी संदेशों का प्रमुख माध्यम बन गया। लेकिन युद्ध के बाद रेडियो को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा - टेलीविजन का आगमन।
टेलीविजन ने रेडियो की लोकप्रियता को चुनौती दी। लोग अब दृश्य-श्रव्य माध्यम की ओर आकर्षित हो रहे थे। क्या रेडियो का अंत निकट था? लेकिन रेडियो ने हार नहीं मानी। उसने खुद को नए युग के अनुरूप ढाला।
1960 के दशक में रेडियो ने एक नया अवतार लिया। अब छोटे ट्रांजिस्टर रेडियो बाजार में आ गए। इससे रेडियो पोर्टेबल हो गया। लोग इसे अपने साथ कहीं भी ले जा सकते थे। रेडियो ने संगीत और समाचार के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की।
1970 और 80 के दशक में रेडियो ने कई नए प्रारूप अपनाए। टॉक शो, म्यूजिक शो, क्विज शो जैसे कार्यक्रम लोकप्रिय हुए। रेडियो जॉकी का युग शुरू हुआ। रेडियो फिर से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने लगा।
लेकिन 1990 के दशक में रेडियो को फिर एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा - इंटरनेट का आगमन। क्या डिजिटल युग में रेडियो टिक पाएगा? इस बार भी रेडियो ने खुद को नए माहौल के अनुरूप ढाला। ऑनलाइन रेडियो स्टेशन शुरू हुए। पॉडकास्ट का युग आया।
आज 21वीं सदी में रेडियो नए अवतार में मौजूद है। स्मार्टफोन पर रेडियो ऐप्स, कार में डिजिटल रेडियो, इंटरनेट रेडियो - रेडियो के कई रूप हैं। लेकिन चुनौतियां अभी भी हैं। स्ट्रीमिंग म्यूजिक सेवाओं से मुकाबला, युवा पीढ़ी को आकर्षित करना, विज्ञापन राजस्व बनाए रखना - ये कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं।
क्या रेडियो इन चुनौतियों से पार पा सकेगा? क्या वह अपनी प्रासंगिकता बनाए रख पाएगा? ये सवाल आज भी बने हुए हैं। लेकिन रेडियो के इतिहास को देखते हुए कहा जा सकता है कि वह हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। रेडियो की यात्रा अभी जारी है। आने वाले समय में वह किस रूप में सामने आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
रेडियो की यह कहानी हमें बताती है कि तकनीक कैसे विकसित होती है और समाज को प्रभावित करती है। यह एक ऐसे माध्यम की कहानी है जिसने दुनिया को जोड़ा, लोगों को सूचना और मनोरंजन दिया, और समय के साथ खुद को बदलता रहा। रेडियो की यह यात्रा मानव प्रगति और नवाचार की एक प्रेरक गाथा है।
Citations:
[1] https://www.radioking.com/blog/great-moments-that-shaped-radio-history/
[2] https://blog.brlogic.com/en/the-history-of-radio-a-journey-of-innovation-and-communication/
[3] https://techwholesale.com/history-of-the-radio.html
[4] https://www.britannica.com/topic/radio
[5] https://www.bhaskar.com/magazine/aha-zindagi/news/history-of-radio-in-india-has-been-interesting-independence-was-announced-on-radio-130908024.html
[6] https://study.com/academy/lesson/history-of-the-radio.html
[7] https://ignited.in/jasrae/article/download/14558/28920/72263?inline=1
[8] https://en.wikipedia.org/wiki/Timeline_of_radio
[9] https://radio.co/blog/radio-trends-challenges-opportunities
[10] https://indianmediastudies.com/history-of-radio-in-india/
[11] https://leverageedu.com/blog/hi/radio-ka-itihas/
[12] https://typeset.io/questions/what-are-the-current-challenges-faced-by-the-radio-and-82xvofpeie
[13] https://www.jagran.com/jharkhand/ranchi-world-radio-day-lovers-of-radio-history-of-radio-ranchi-radio-station-radio-changed-its-form-22463081.html
[14] https://blog.minicircuits.com/radio-history-the-evolution-of-fm-radio-through-time/
[15] https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_radio
[16] https://jacobsmedia.com/the-biggest-challenge-facing-radio/
[17] https://jmcstudyhub.com/history_of_radio_in_india/
[18] https://svv-research-data.s3.ap-south-1.amazonaws.com/paper_120606_1595326510.pdf
[19] https://www.historians.org/about-aha-and-membership/aha-history-and-archives/gi-roundtable-series/pamphlets/em-28-how-far-should-the-government-control-radio-%281946%29/what-are-radios-basic-problems-and-future-prospects

