कैंची का इतिहास अत्यंत प्राचीन और विविधतापूर्ण है, जो मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ बदलता और विकसित होता रहा है। इस गहन शोध पर आधारित विवरण में कैंची के इतिहास के विभिन्न पहलुओं को क्रमिक रूप से समेटा गया है।
प्रारंभिक इतिहास और आविष्कार
माना जाता है कि लगभग 1500 ईसा पूर्व प्राचीन मिस्र में कैंची का आविष्कार किया गया था[9]। यह एक कांस्य की 'स्प्रिंग कैंची' थी, जिसमें दो धातु के फल एक दूसरे के ऊपर झुके रहते थे, जिससे काटने वाली धारों की समीपता बनी रहती थी[11]।
मध्यकालीन विकास
मध्य युग में, कैंची के डिजाइन में सुधार किया गया और उन्हें नाक पर रखने के लिए पतली धातु की कड़ी लगाई गई[9]। 16वीं शताब्दी में, कैंची में कान के पीछे से जाने वाले धातु के हुक लगाए गए, जिससे उन्हें सुरक्षित रूप से पहना जा सकता था[17]।
17वीं-18वीं शताब्दी का विकास
1653 के आसपास, लंदन के असली अखुन द्वारा आधुनिक कैंची का डिजाइन विकसित किया गया, जिसमें कान पर लगने वाले धातु के हुक होते थे[9]। इस दौरान, कैंची के निर्माण में कई सुधार किए गए, जैसे धनुषाकार आकृति के हैंडल और विभिन्न प्रकार की कैंचियां बनाई गईं[11]।
19वीं शताब्दी का विकास
19वीं शताब्दी में, कैंची के निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग शुरू हुआ, जिससे वे हल्के और मजबूत हो गए[16]। इस दौरान, कैंची पहनना एक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया था, और धनी व शिक्षित लोग इसे पहनकर अपनी बुद्धिमत्ता और सामाजिक स्थिति का प्रदर्शन करते थे[13]।
भारत में कैंची का आगमन और विकास
भारत में कैंची का निर्माण लगभग तीन शताब्दियों से अधिक समय से किया जा रहा है। मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में छोटे पैमाने पर लगभग 250 कैंची बनाने वाली इकाइयां हैं[9]। जनवरी 2013 से, मेरठ की कैंची को भौगोलिक संकेत के लिए योग्य माना गया है[9]।
मेरठ की कैंचियों के लिए कार्बन स्टील ब्लेड, पुराने बर्तनों, पुराने रेलवे रोलिंग स्टॉक, और ऑटोमोबाइल के धातु के खंडों का उपयोग किया जाता है[9]। इनके हैंडल मिश्र धातु या प्लास्टिक से बनाए जाते हैं। मेरठ की कैंचियों के बारे में एक प्रसिद्ध मुहावरा है - "दादा ले, पोता बरते", जो इनकी गुणवत्ता और लंबे समय तक उपयोग की क्षमता को दर्शाता है[9]।
आधुनिक समय
आज के समय में, कैंची का उपयोग न केवल काटने के लिए किया जाता है, बल्कि वे एक फैशन एक्सेसरी भी बन गई हैं। विभिन्न डिजाइन, रंग और आकार की कैंचियां उपलब्ध हैं, जो व्यक्ति की पसंद और शैली से मेल खाती हैं[4]। साथ ही, कैंचियों की लेंस में भी कई नवीन तकनीकें शामिल की गई हैं, जैसे ब्लू लाइट फिल्टर, यूवी प्रोटेक्शन और एंटी-फॉग कोटिंग[15]।
इस प्रकार, कैंची का इतिहास मानव सभ्यता के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों का भी द्योतक है। आज भी, कैंची अपनी उपयोगिता और फैशन के कारण एक महत्वपूर्ण एक्सेसरी बनी हुई है।
Citations:
[1] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8
[2] https://www.youtube.com/watch?v=dlzQuyc3mzA
[3] https://hindi.news18.com/news/literature/neem-karoli-baba-and-shri-siddhi-maa-story-on-kainchi-dham-ashram-in-nainital-uttarakhand-5974695.html
[4] http://www.socialresearchfoundation.com/new/publish-journal.php?editID=163
[5] https://hi.wiktionary.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%80
[6] https://www.aajtak.in/india/uttarakhand/story/foundation-day-of-kainchi-dham-will-be-celebrated-on-15th-june-neem-karoli-baba-lclcn-1963208-2024-06-10
[7] https://hindi.news18.com/videos/rajasthan/who-discovered-the-place-of-kainchi-dham-temple-know-the-history-of-neem-karoli-baba-local18-8406511.html
[8] https://www.youtube.com/watch?v=Jqz7gChU3r4
[9] https://www.prarang.in/meerut/posts/2424/inventor-of-scissors-indian-or-foreigner
[10] https://hindi.news18.com/news/dharm/why-was-neem-karoli-babas-ashram-named-kainchi-dham-the-story-is-interesting-8251558.html
[11] https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%80
[12] https://shresthuttarakhand.tv/state-news-india/kainchi-dham-mela-know-history-of-malpua-prasad-kainchi-dham-temple-foundation-day-28968/
[13] https://www.abplive.com/astro/neem-karoli-baba-kainchi-dham-foundation-day-on-15-june-know-history-and-miracle-story-2431599
[14] https://www.youtube.com/watch?v=pnojRN8FiOU
[15] https://www.abplive.com/photo-gallery/lifestyle/religion-neem-karoli-baba-kainchi-dham-visit-sthapana-diwas-story-in-hindi-2409284
[16] https://www.youtube.com/watch?v=r8aqR2zn2ok
[17] https://alpha.indicwiki.in/index.php?title=%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%80
[18] https://www.youtube.com/watch?v=k6mXS2x0MB4

